हर चन्द चमकता रहे कुल हिंद मे "आलोक"

हिंद का तिरंगा कभी झुक सकता नहीं

26/12/2010 20:14

in.jagran.yahoo.com/news/local/unnao/4_37_7090860.html

 

असोहा, अंप्र : असोहा ब्लाक के बाबा सालिग राम नगर चंदन खेड़ा स्थित प्रेम शंकर त्रिपाठी स्मारक संस्थान द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन में कवियों ने अपनी वाणी के माध्यम से श्रोताओं को गुदगुदाया। देश के नेताओ व भ्रष्टाचार पर भी जमकर व्यंग बाण छोड़े। लखनऊ से पधारी कविता तिवारी ने मां वीणा पाणि की वंदना पढ़कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। कविता तिवारी ने पढ़ा- कथानक व्याकरण समझे तो सुरक्षित छंद हो जाये। हमारे देश में फिर से सुखद मकरंद हो जाये। मेरे ईश्वर मेरे दाता ये कविता मांगती तुमसे। युवा पीढ़ी संभल करके विवेकानंद हो जाये। कानपुर से आये कमलेश द्विवेदी ने भ्रष्टाचार पर करारे व्यंग छोड़े - राजनीति भ्रष्टाचार दोनों में है साठगांठ दोनों का ही संग आज सबसे निराला है। दाल में है काला यह बात तो पुरानी हुई आज पूरी दाल का ही रंग काला है।

रतन तिवारी रतन ने आतंकवाद पर पाकिस्तान की जमकर खिंचाई की - शत्रु देश चाहे लाख घात प्रतिघात करे, मां का भाल रंच मात्र दुख सकता नहीं। जब तक सीमा पर एक भी जवान शेष, हिंद का तिरंगा कभी झुक सकता नहीं। व्यंजना शुक्ला ने पढ़ा- तन को चाहे जितना रंग लो, कोई फर्क नहीं होगा, मन को जिस दिन रंग लोगे, वे वृंदावन हो जायेगा। वाहिन अली वाहिद ने पढ़ा- तेरी अदा नशीली है, अंदाज का जादू चलता है लेकिन कवि के टूटे दिल के साज का जादू चलता है, मैं बुलबुल हूं मैं कोमल हूं पल दो पल मुझको सुन लो, मुझे पता है इस जंगल में बाज का जादू चलता है।

मुख्य अतिथि विधायक उदयराज यादव तथा ज्ञानेंद्र तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। संस्थान के अध्यक्ष रामशंकर त्रिपाठी तथा उनके अनुज रामकृष्ण त्रिपाठी,ठ्ठह्वद्यद्य, मनोज त्रिपाठी, जिला पंचायत सदस्य विनोद त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन के.के. अग्निहोत्री ने किया । अध्यक्षता आलोक सीतापुरी ने किया। इस अवसर पर संस्थान द्वारा बाबा सालिग राम, गंगा देवी रामचरण तथा प्रेम शंकर त्रिपाठी सम्मान से भी कवियों को नवाजा गया।

Akhil Bhartiya Kavi Sammelan

Dated: 26 - Dec -2010

Alok Sitapuri Ka Samman Samaroh

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