आलोक सीतापुरी जन्म जात सुकवि है;
वे जितने अच्छे छन्द कार हँ उतने ही समर्थ गीतकार भी हैं|
लोक शैली को भी उन्होने आत्मसात किया है,
इसीलिए उनके लोक गीतो मे सहज आकर्षण है|
गज ल कार के रूप मे भी वे प्रशंस नीय और चर्चित हैं|
उनकी रचनाए कथ्य और शिल्प दोनो ही विधियो से प्रसशनीय हैं|
Dr. Ganesh Datt Saraswat
HOD Hindi Department
R.M.P. PG College
Sitapur (UP) 261001
सौम्यता एवम् शिष्टता की प्रतिमूर्ति कुंवर आलोक सीतापुरी जन्मजात काव्य प्रतिभा के धनी हैं |
उनके समस्त आचार - विचार में कविता रची बसी है| छन्द पर उनका पूर्ण अधिकार है |
लोक रस मे पगी उनकी वाणी मे मधुर्य है | ओज एवम् सृंगार दोनो उनकी कविता
को समान रूप से शामिल हैं | सामाजिक चेतना से उनका मानस ओत प्रोत है |
मातृ भाषा अवधी और राज भाषा हिन्दी दोनो में उनकी समान गति है |
दोनो भाषाओं के वह समर्थ रचनाकार हैं | पारंपरिक छन्दो के अलावा आधुनिक गीत ग़ज़ल की
विधाओं और ओक शैली तीनो प्रकार से उन्होने काव्य विधा को आलोकित किया है
Dr. Dhanjay Singh
1084 Vivekanand Nagar
Gaziabad 201002
Kunwar Yogendra Bahadur Singh "Alok Sitapuri"
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